Meaning of Gunchaa

बुधवार, अप्रैल 16, 2025

प्यार की फटी किताब...



एक रोज़, प्यार की फटी किताब को आज जब हाथों में उठाया
कुछ बिखरे हुए सफों में, कुछ बिखरी हुई यादों को दबा पाया
हर लफ्ज़ को जब सांसों की गर्माहट से सहलाया
पन्ने - पन्ने को उसके मैंने, प्यार की गोंद से चिपका पाया

*जिलत उसकी फट चुकी थी
हर क़िरदार की पहचान मिट चुकी थी
प्यार उसके हर अक्षर में समाया था
उसमें बने दिल को आज भी धड़कता पाया था

ग़ौर से पढ़ा जब मैंने उसको, हर कहानी कुछ अधूरी थी
महक प्यार की फिर भी उसके हर पन्ने में पूरी थी
कुछ पन्नों में ख्वाब थे, कुछ में छुपे *आज़ाब थे
हर किरदार के अभिनय में रंग बेहिसाब थे

आगे के पन्नों से जब, धूल की चादर को हटाया
एक मुड़े हुए पन्ने में, मैंने अपना ज़िक्र पाया
कुछ सूखे हुए फूलों के साथ, नाम मेरा भी लिखा था
ये मत पूछो अब तुम मुझसे, कि किसने वो *पैगाम लिखा था
उस मुड़े हुए पन्ने को मैंने किताब से हटा दिया
वजूद हर किस्से का मैंने धुआं बना के उड़ा दिया

ये अधूरी कहानी भी, उसी किताब का हिस्सा है
हर पन्ने पे लिखा हुआ, एक प्यार का किस्सा है
आ के बैठना पास मेरे, तुम्हे हर किस्सा सुनाऊंगा
पूरी किताब का सार तुम्हें मैं ढाई आख़र में समझाउंगा


*जिलत - Outer cover of the book
* पैगाम - message
*अल्फाज़, लव्ज़ - Word


- मनप्रीत