दिल तो चाहता है की
तेरी यादों के सहारे कुछ और
वक़्त गुज़ार लिया जाए,
तेरी इन घनेरी जुल्फों
के नीचे ये शब (रात) गुज़र जाए,
तेरे साथ कुछ पल बैठ कर
तुझे हल-ए-दिल बयां करें,
ज़ानों पे तेरी सर रख कर
मदहोशी के आलम में खो जाएँ..
पर डर लगता है के
ये ख़्वाब कहीं यतीम न हो जाएँ...
तेरी यादों के सहारे कुछ और
वक़्त गुज़ार लिया जाए,
तेरी इन घनेरी जुल्फों
के नीचे ये शब (रात) गुज़र जाए,
तेरे साथ कुछ पल बैठ कर
तुझे हल-ए-दिल बयां करें,
ज़ानों पे तेरी सर रख कर
मदहोशी के आलम में खो जाएँ..
पर डर लगता है के
ये ख़्वाब कहीं यतीम न हो जाएँ...
- मनप्रीत
4 टिप्पणियां:
मदहोशी के आलम में खो जाएँ.nice
बहुत उम्दा...
Admin
This is most important Question for CCC
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