टूट गई है चप्पल मेरी
उखड़ गया है सोल आधा
बच्चे के admisson के चक्कर में
मैं कहां-कहां नहीं भागा
पर मुझे याद है आज भी वो दिन
जब दाखिले के लिए मैंने
MLA, मंत्री तक का दरवाज़ा खट- खटाया था
पर कोई मेरे काम नहीं आया था
किसी ने दिए थे बड़े आश्वासन
किसी ने मांगी माया
किसी ने कहा चिट्ठी ले जाओ, तो किसी ने कहा
तुम पहुचों, मेरे P.A. का फ़ोन बस आया
थक हार के मैं...
पीर - फकीरों के दरवाज़े पर भी आया
ताबीजें बंदवाई, टोटका करवाया,
हर तरह का मंतर फिरवाया
पर मुझे याद है आज भी वो दिन
जब दाखिले के लिए मैंने
MLA, मंत्री तक का दरवाज़ा खट- खटाया था
पर कोई मेरे काम नहीं आया था
किसी ने दिए थे बड़े आश्वासन
किसी ने मांगी माया
किसी ने कहा चिट्ठी ले जाओ, तो किसी ने कहा
तुम पहुचों, मेरे P.A. का फ़ोन बस आया
थक हार के मैं...
पीर - फकीरों के दरवाज़े पर भी आया
ताबीजें बंदवाई, टोटका करवाया,
हर तरह का मंतर फिरवाया
फिर भी कुछ काम न आया
इस दाखिले के ख़्वाब ने, मुझे कई रात जगाया
लॉटरी निकलेगी या नहीं
यही सपना रात को डराता था
ऐसे सिस्टम के चलते ही
भविष्य इन बच्चों का, अंधेरे में नज़र आता था
दखीले के लिए, कोई मांगता 5 लाख
कोई 4 लाख में था तैयार
ऐसे लगता है मानो
शिक्षा के मंदिर को बना डाला बाज़ार
शिक्षा, सिद्धान्तों का कोई मोल नहीं,
ये तो हर बच्चे का अधिकार है
अगर ये भी न दे पाए उसे हम
तो समझो समाज हमारा लखवे (paralysis) का शिकार है
- मनप्रीत
इस दाखिले के ख़्वाब ने, मुझे कई रात जगाया
लॉटरी निकलेगी या नहीं
यही सपना रात को डराता था
ऐसे सिस्टम के चलते ही
भविष्य इन बच्चों का, अंधेरे में नज़र आता था
दखीले के लिए, कोई मांगता 5 लाख
कोई 4 लाख में था तैयार
ऐसे लगता है मानो
शिक्षा के मंदिर को बना डाला बाज़ार
शिक्षा, सिद्धान्तों का कोई मोल नहीं,
ये तो हर बच्चे का अधिकार है
अगर ये भी न दे पाए उसे हम
तो समझो समाज हमारा लखवे (paralysis) का शिकार है
2 टिप्पणियां:
Amazing words...
Too good Manpreet..was never aware of your writing skills.. well done
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