माथे पे आएं
तो चिंता बन के उभर आती हैं
हाथों में आएं
तो तकदीरें बन जाती हैं
चहरे पे आई लकीरें
तजुर्बे की गहराई बताती हैं
देशों में आए
तो सरहद कहलाती हैं
घर में आ जाए
तो बंटवारा कर जाती हैं
लकीर के इस पार या उस पार होने से
जीत हार तय हो जाती है
दिलों के दरमियां आई लकीरें
जल्दी से नहीं मिट पाती हैं
लकीरें कुछ इशारा कर जाती हैं
- मनप्रीत
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें