
कुछ मैं लिखना चाहता हूँ
पर लिख नहीं पाता हूँ
फिर अपनी कलम उठाता हूँ
एक गहरी सांस भरता हूँ
एक गहरी सांस भरता हूँ
आँखों को मूँद लेता हूँ
कुछ ख्यालों में फिर मैं खो जाता हूँ
उन रंगों का केवल मैं आभास कर पता हूँ
उस चेहरे को केवल मैं ख्वाबों में ही देख पाता हूँ
उस ख्याल को ज्यों ही मैं कागज़ पे उतारना चाहता हूँ
फिर एक पल मैं थम जाता हूँ
कुछ मैं लिखना चाहता हूँ
पर लिख नहीं पता हूँ
- मनप्रीत
1 टिप्पणी:
क्या बात है. बहुत अच्छा...
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