
तू रौशनी की तरह चमकता चल
तू आंधी की तरह बढता चल
तू आंधी की तरह बढता चल
जो राह में आ जाए अड़चन
तू उसको भी कुचलता चल
जब तक तेरी बाज़ुओं में जान है
जब तक तेरे होंसलों में उड़ान है
तुझे न कोई रोक पाएगा
आत्मविश्वास न तेरा कोई तोड़ पाएगा
तू सूरज सा दमकता चल
तू ज्वाला सा देहेकता चल
खुशबू से तेरी खिल जाए गुलिस्तान
खुशबू से तेरी खिल जाए गुलिस्तान
तू फूलों सा मेहेकता चल
माँ-बाप की आसीसों की छाया में
बस तू यूं ही चलता चल
बस तू यूं ही चलता चल...- मनप्रीत
1 टिप्पणी:
bahut khoob
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