Meaning of Gunchaa

मंगलवार, दिसंबर 14, 2010

टेक्नोलोजी




टेक्नोलोजी ने मानव को इस कदर घेर लिया है की वह इसके बिना जीवन जीने की कल्पना भी नहीं कर सकता। 
सुई से लेके मोबाइल तक, साईकिल से लेके हवाई जहाज़ तक, चश्मे से लेके कंप्यूटर तक हर वक्त वह इसके चक्रवियु में फंसा रहता है। बहराल हर चीज़ के कुछ फायदे भी होते हैं और कुछ नुकसान भी, पर इसी रोज़ मरहा में कभी कुछ मज़ेदार हास्य व्यंग भी निकल आते हैं, जैसे की एक दिन मैं हनुमान जी के मंदिर गया दर्शन करने को, तो देखा की हनुमान जी, जो की स्वयंम पवन पुत्र हैं उन पर बिजली का पंखा चल रहा है और पुजारी की जगह उसका टेप रेकॉर्डर भजन पड़ रहा है। यही नहीं मोबाइल का भी खूब उपयोग हो रहा है, कोन्फेरेंसिंग के ज़रिए इसी पे निकाह हो रहा है, बारातियों का भी खर्चा बच जाता है और प्रिय-जनों का आशीर्वाद भी
विडियो कोन्फेरेंसिंग के थ्रू मिल जाता है।

कंप्यूटर भी मनुष्य ने बहुत ही रोचक चीज़ बनाई है, केवल बटन भर दबाने की देर है और दुनिया भर की जानकारी आपके सामने होती है, और अब तो ऐसा सॉफ्टवेर भी इन्टरनेट पर पाया जाता है जो मच्छर भगाने के काम आता है,  "कछुआ जलाओ मच्छर भगाओ" अब कहां बोला जाता है क्योंकि ये कंप्यूटर ही अब मच्छर मारने के काम आता है। हमारा देश ऐसा देश है जहाँ एम्बुलेंस चाहे वक़्त पर पहुँच पाए, या न पहुँच पाए, पर हाँ पिज़्ज़ा ज़रूर आधे घंटे में पहुँच जाता है। कभी - कभी मैं सोचता हूं क्यों ना ये एम्बुलेंस का काम भी डोमिनोज को दे दिया जाए, कम से कम कुछ मरिजों की जान तो बच जाएगी

नीलादांत अर्थात "ब्लूटूथ" की भी अजीब है माया, इसे कान पे लगाने के बाद व्यक्ति अपनी ही धुन में खो जाता है, ऐसे लगता है जैसे अपने आप से बतियाता है, इसी लिए उम्र से पहले बहरा वह कहलाता है। सुबह-सुबह अब सैर करने वो गार्डेन में कहां जाता, ट्रेडमिल पर ही दौड़ कर अपनी सेहत बनता है। दूध, दही पसंद नहीं, इसे अब कौन खाता है? विटामिन की गोली पे ही अपना जीवन बिताता है। "राजू तुम्हारे दांत तो मोतियों जैसे चमक रहे हैं" अब ये विज्ञापन टीवी पर नहीं आता है, क्योंकि अब "हैप्पीडेंट" खा कर ही राजू दांत चमकता है।

बेहतर ये ही है की सीमित प्रयोग ही इस टेक्नोलोजी का अच्छा है, क्यों की "दिल तो बच्चा है..."