Meaning of Gunchaa

सोमवार, जुलाई 30, 2012

एक आरज़ू...


कभी ये सोचता हूँ की ज़िन्दगी के कुछ सुन्हेरे पल
तेरे दामन में सर रख कर गुज़ार दूं ...

ये चंचल हवाएं तुम्हे मेरे पास ले आएं, और मैं...

...और मैं तेरी इन आँखों की गहराइयों में डूब जाऊं

तेरी इन जुल्फों के साए में ताउम्र यूँ ही गुज़ार दूं

तेरी इन बाहों का हार, जिन के लिए था मैं जन्मों से बेकरार,
आज उसे मैं अपना बना लूं...

पर फिर ये सोचता हूँ, जो तू मेरी ना हो सकी
तो मैं कैसे जी पाऊँगा ?

शायद इन्ही आँखों में, इन्ही बाहों में, इन्ही जुल्फों की जुस्तजू में
एक दिन स्वाह हो जाऊँगा...

पर सवाल ये है क्या फिर भी मैं तेरे दिल में घर कर पाऊँगा ???



- मनप्रीत

रविवार, जुलाई 08, 2012

न जाने वो क्या है?


क्या कहूं मैं उससे की वो क्या है...

वो झूमती हवा है

या कोई छाई हुई घटा है...

वो फूलों सी कोमल है

या शांत पानी में कोई हल-चल है...

वो जीने की एक उम्मीद है

या मेरे दिल के बहुत करीब है...

वो चेहरे की मुस्कान है

या मेरे मन का कोई अरमान है

वो हाथों की लकीर है...

या मेरे माथे पे लिखी तकदीर है

वो ज़िन्दगी का एक सहारा है

या लहरों को मिल जाए वो किनारा है...

नहीं जानता हूँ मैं की वो क्या है

बस इतना ही कहूँगा की

वो हर पल मेरे साथ है

वो केवल एक एहसास है...



- मनप्रीत