Meaning of Gunchaa

सोमवार, जुलाई 10, 2023

तैरता शहर गुरुग्राम...

Podcast version of the poem


चुल्लू भर बरसात में ही, शहर मेरा डूब जाता है
बारिश में गुरुग्राम घूमने का, मज़ा अलग ही आता है

घरों में पानी, रोड पे पानी, हर गली-कूचा भर जाता है
गुरुग्राम हमारा हमें फिर, Venice जैसा नज़र आता है

अलौकिक वो नज़ारा होता है
हर शख्स Cab नहीं, मानो Gandola में ऑफिस आ रहा होता है

Cybercity बनाने की चाहत में, बन हर जगह Swimming Pool गए हैं
शहर बसने से पहले, नाली बनाना भूल गए हैं

सड़क बनाई है बेचारों ने, भर के गड्ढे एक-एक
पर जब देखा तो हर घर के आगे, बन गई थी Sukna Lake

सड़क पर गड्ढे नहीं, गड्ढों में सड़क दिखती है अब
3 घंटे से निकला हूँ घर से, न जाने पहुँचगा कब

चलो, शहर तो बसा लिया तुमने, पर इसे डूबने से कैसे बचाओगे
Work from Home बहुत कर लिया हमने,
अब क्या Work from Riverside कराओगे ?

नहीं चाहिए शहर ऐसा जो हल्की रिमझिम में ढ़ह गया है
'शंघाई' बनाने का सपना हमारा, नालियों में बह गया है


- मनप्रीत