जीने के लिए चंद साँसे चाहिए,
ज़ेहन में किसी अपने की यादें चाहिए
सम्भलने के लिए एक सहारा चाहिए,
बहती नदी को एक किनारा चाहिए
कुछ पाने के लिए, कुछ खोने का होंसला चाहिए,
उस खुदा पे थोड़ा सा भरोसा चाहिए
इबादत में थोड़ा सा असर चाहिए,
हर किसी को एक हमसफ़र चाहिए
शम्मा को परवाना चाहिए,
कृष्ण को भी मीरा सा दीवाना चाहिए
फूलों को बहार चाहिए
और इस कविता को आपका थोड़ा सा प्यार चाहिए...
- मनप्रीत