Meaning of Gunchaa

शुक्रवार, दिसंबर 27, 2024

उम्र चालीस की


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उम्र ये चालीस की बड़ी अजीब होती है
थोड़ी सी मीठी, थोड़ी नमकीन होती है

सच पूछो तो ये उम्र का ही तकाज़ा है
बीस जैसी शक्ति बची नहीं और साठ का हुआ नहीं अंदाज़ा है

दौड़ते हैं तो सांस अब जल्दी फूल जाती है
और घुटनों से कुछ "कट-कट" की आवाज़ आती है

कमर में लचक अब पहले जैसी नहीं रह गई
पता भी नहीं चला जवानी कैसे बह गई

अब तो, काले बालों में से सफ़ेदी झांकने लगी है
मेरी ये "काया" भी मुझे अब कम आंकने लगी है

Fatty liver, cholestrol, BP ने अभी से
जीवन में उत्पात मचा रखा है
लगता है सारा chinese माल, भगवान ने मेरे अंदर लगा रखा है

यादाश्त भी अब टिम-टिमाने लगी है
माथे पे भी झुर्रियां नज़र आने लगी हैं

अलार्म से पहले नींद मेरी खुल जाती है
और अक्सर बैठे-बैठे सोफे पर, झपकी आ जाती है

राजमा, दाल मखनी, अब रास नहीं आती है
और घीया, टिंडे, तोरी, एक आंख नहीं भाती है

उम्र ये बहुत ज़ालिम है, ज़रा भी तरस खाती नहीं
पहले तो दूर की थीं, अब पास की चीज़ें भी साफ नज़र आती नहीं

कुछ सुधार दी बीवी ने, कुछ सुधर रही है
उम्र ये भी लगभग ठीक-ठाक सी गुज़र रही है


- मनप्रीत

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