Meaning of Gunchaa

शुक्रवार, अप्रैल 28, 2017

तिरंगा बोला...


बिकता हूँ मैं तो दुकानों में

लहराता हूँ मैं आसमानों में,

कभी किसी बच्चे के हाथों में समां जाता हूँ

तो कभी किसी मंत्री के मेज़ की शोभा मैं बढ़ाता हूँ

और नए दौर के फैशन के चलते जाने कहाँ - कहाँ नज़र आता हूँ

पर कीमत मेरी, सरहद के उस फौजी से पूछो

जो मेरी शान की खातिर सब कुछ नियोछावर कर जाता है

और अंतिम यात्रा में भी वो मेरे, आंचल तले सो जाता है

नाकि उस व्यक्ति से पूछो, जो चंद सिक्कों की खातिर सौदा मेरा कर आते हैं...

सच पूछो तो उसदिन मेरी आत्मा के चिथड़े - चिथड़े हो जाते हैं

पर फिर भी मैं हूँ सब कुछ सहता, चाहे अखियों से है नीर बहता

तीन रंगों का मेल हूँ मैं

हर रंग महत्व अपना दर्शाता है

तभी हर व्यक्ति के दिल में, अपने लिए मुझे कुछ प्यार नज़र आता है



- मनप्रीत

5 टिप्‍पणियां:

Mandeep Singh ने कहा…

Bhot khoob likha h ji 👌👍

Gurpreet Singh ने कहा…

Wah! Bahut Sundar👌🏼👌🏼💖

Unknown ने कहा…

Fantabulous 👏👌

Unknown ने कहा…

लाजवाब

Gurpreet singh Bhatia ने कहा…

Bahut badhiya..