कहीं मिल जाना
चंद घड़ियाँ ज़िन्दगी की
चंद घड़ियाँ ज़िन्दगी की
हमारे साथ भी बिता जाना
यूँ तो चलना आता नहीं मुझे
किसी के साथ
पर तुम मुझे चलना
यूँ तो चलना आता नहीं मुझे
किसी के साथ
पर तुम मुझे चलना
सिखा जाना
यूँही सफ़र में चलते-चलते
कहीं मिल जाना...
अगर तुम मिल जाओ तो ये सफ़र
आसानी से कट जाएगा
मेरी ज़िन्दगी का एक और सफ़ा(Page)
पलट जाएगा
अपने प्यार की थोड़ी सी मिठास
मेरे होंठों पर भी लगा जाना
यूँही सफ़र में चलते-चलते
कहीं मिल जाना...
जिस राह में तुम होगी
मैं उसी और अब चला आऊँगा
थाम लेना हाथ मेरा
वरना मैं भटक जाऊँगा
क्या हुआ जो जीने की अदा हम सीख न सके,
मरने के हुनर में माहिर हमें करा जाना
मरने के हुनर में माहिर हमें करा जाना
यूँही सफ़र में चलते-चलते
कहीं मिल जाना...
- मनप्रीत
2 टिप्पणियां:
अगर तुम मिल जाओ तो ये सफ़र
आसानी से कट जाएगा
कोई हमसफ़र तो होना ही चाहिए.
बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति| धन्यवाद|
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