Meaning of Gunchaa

शुक्रवार, अक्तूबर 28, 2011

एक राज़

हर राज़ मेरे तुम कहीं छुपा देना
दामन में अपने कुछ इस तरह दबा देना
कि कोई इसे फिर ढूंड न पाए
हाथों की लकीरों से भी इनके निशान मिट जाएं
तेज़ हवाओं के झोकों में
वो सफ़े कहीं उड़ा देना
हर राज़ मेरे तुम कहीं छुपा देना

जो हो तुम खफा मुझसे,
तो मुझे कभी जता देना
अपने इन एहसासों को
मेरी धड़कन तक पहुंचा देना
जो फिर भी समझ न पाऊँ तुमको
'नासमझ' मुझे कहला देना
पर ये राज़ तुम कहीं छुपा देना

"चेहरा एक नकाब के पीछे छुपा रखा है मैंने
हर गुनाह को फूलों की तरह सजा रखा है मैंने"

जब बहती नदी की धारा में
ये अस्थियाँ मेरी बहा देना
तब तुम चाहे सबको
ये राज़ भले बतला देना...




- मनप्रीत


4 टिप्‍पणियां:

Rajnish ने कहा…

good. you write well. i like it.

www.rajnishonline.blogspot.com

Sunil Kumar ने कहा…

भावों की सुंदर अभिव्यक्ति .

रजनीश तिवारी ने कहा…

भावपूर्ण रचना । शुभकामनाएँ ।

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

मन के संवेदनशील भाव..... बेहतरीन रचना