Meaning of Gunchaa

शनिवार, अगस्त 21, 2021

बातें, कुछ अनकहीं सी, कुछ अनसुनी सी...





कुछ वो न बोली
कुछ मैं ना बोला
फिर भी बातें हुईं हज़ार
क्या ऐसे ही होता है प्यार का इज़हार!

नब्ज़ कुछ उसकी भी थमी थी
हथेलियों पे बर्फ कुछ मेरी भी जमी थी
धड़कनो में थी गज़ब की रफ़्तार
क्या ऐसे ही चढ़ता है प्यार का बुखार!

आंखों ने उसकी हर बात की
मेरी पलकों ने भी... हर बात पे सजदा किया
फिर भी नज़रों में थी उसके हया बेशुमार
क्या ऐसे ही मिलती हैं प्यार में नज़रें पहली बार!

उसने जो-जो नहीं कहा, मैंने वो सब सुना
कांपते होठों पे आए उसके, हर एक लफ्ज़ को बुना
माथे पे आईं उसकी सिलवटों को पढ़ा कईं बार
क्या ऐसे ही समझ में आता है प्यार!

पर सच तो ये था...

कि सामने बैठी थी वो मेरे
और मैं उसे देख रहा था
हर गुज़रते हुए लम्हे को, यादों में कहीं समेट रहा था
पर दूरियां कुछ इस कदर बढ़ चुकी थी
की कहानी मेरी लिखने से पहले ही मिट चुकी थी


- मनप्रीत

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