Meaning of Gunchaa

बुधवार, अक्तूबर 14, 2009

कुछ कमी मुझ में ही होगी...

जो आज वो मुझसे रूठ गया,
कुछ कमी मुझ में ही होगी...
दिल ने चाहा उसे रोकना, पर रोक न सका,
कुछ कमी मुझ में ही होगी...


जहाँ झुकना था वहां झुक न सका,
जहाँ रुकना था वहां रुक न सका,
मंजिल तो करीब थी पर पहुँच न सका,
शायद इसलिए जो बनना था वो बन न सका,
कुछ कमी मुझ में ही होगी...


आँखें तो हज़ार थी पर, किसी का नूर बन न सका,
दिल तो हज़ार थे पर किसी में घर कर न सका,
सफ़र में दोस्त तो लाखों मिले, पर कोई दिलबर मिल न सका,


कुछ कमी मुझ में ही होगी...
कुछ कमी मुझ में ही होगी...


जिसका इंतज़ार था मुझे उसने मुझे देखा नहीं,
जिसके लिए रुका था मैं वो मेरे लिए रुका नहीं,
प्यार के खंजर से उसने मेरा कत्ल किया,
पर मैंने कहा दर्द अभी हुआ नहीं...


क्योंकि...


कुछ कमी मुझ में ही होगी...
कुछ कमी मुझ में ही होगी...

दिल तो रोता है मेरा भी,
पर कोई आंसू टपकता नहीं,
इस दुनिया के अंधियारे में
अब कोई हाथ मेरा पकड़ता नहीं

ज़रूर...

कुछ कमी मुझ में ही होगी...
कुछ कमी मुझ में ही होगी...


- मनप्रीत

5 टिप्‍पणियां:

Dr. Shreesh K. Pathak ने कहा…

प्रेम इतना उदात्त होगा तो वो फिर अमर ही होगा....सरल-सहज-प्यारी प्रस्तुति....

Udan Tashtari ने कहा…

लिखते रहें..बढ़िया है. शुभकामनाएँ.

अजय कुमार झा ने कहा…

वाह कोई अपने भीतर झांके तो यूं झांके..बहुत ही सुंदर लिखा आपने

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर ने कहा…

very nice.narayan narayan

Amit K Sagar ने कहा…

चिटठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है.
आप सभी को दिवाली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.
लेखन के द्वारा बहुत कुछ सार्थक करें, मेरी शुभकामनाएं.
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हिंदी ब्लोग्स में पहली बार Friends With Benefits - रिश्तों की एक नई तान (FWB) [बहस] [उल्टा तीर]