Meaning of Gunchaa

मंगलवार, दिसंबर 01, 2009

सपने ऐसे जो टूट गए...



देखे जो इन आखों से मैंने वो सपने कैसे टूट गए,
मेरे होकर भी मुझसे वो बेगानों जैसे रूठ गए..
आशाओं के 'पर' लेकर मुझे गगन में उड़ना था
उम्मीदों की डोरी से आकाश नया ही बुनना था,
फिर किसने ये मोती माला के एक-एक करके बाँट दिए ?
जैसे उड़ती हुई चिड़िया के 'पर' किसी ने काट दिए...


अक्सर एक ख़्वाब रातों को मुझको भी सताता है,
देखना चाहता हूँ जब उसको, वह धुंधला सा पड़ जाता है..
मैं एक कदम ओर उसकी बढाता हूँ, वो दो कदम पीछे हट जाता है,
और जाते-जाते फिर मुझको एक ज़ख़्म नया दे जाता है...
ज़ख़्म ऐसा...
जिसको भरने में फिर एक ज़माना बीत जाता है...


पर भरते हुए ज़ख़्म कहीं एक टीस नई छोड़ जाते हैं,
जैसे खुश्क बहारों के मौसम में अपनी याद दिलाते हैं,
ऐसे ही सपने अक्सर मुझको रातों को आतें हैं...


सुना था हमने पर पता नहीं था, की हर सपना पूरा नहीं होता,
पर इनके टूट जाने से दर्द घनेरा है होता...


इसलिए...


इन सपनो को आज कहीं मैं फिर दफना कर आया हूँ,
आज फिर अपने अरमानो की कहीं चिता जला कर आया हूँ...


- मनप्रीत

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